Thursday, March 10, 2011

an inspiral poem by me



" दुःख से ना घबराना पंछी "
दुःख से ना घबराना पंछी
ये दुनिया दुःख का मैला है
भीड़ पड़ी हो अम्बर मेंउड़ना तुझे अकेला है
अपना लक्ष्य तय कर ले और उस तक पहुँच जा
मत पढ़ दुनियादारी के चक्कर में
ये दुनिया तो एक झमेला है
बढ़ता रहे तू अपने पथ पर आगे
जल्द ही होने वाला खुशियों का सवेरा है
छोड़ दे तू चिंता सब की
रख न मोह किसी तू
आया था अकेला औरजाना तुझे अकेला है
आने वाले कल की मत सोच
हर पल को जीना सीख ले
क्योकि हर एक पल में खुशियों का बसेरा है
Ishwar Choudhary

No comments:

Post a Comment