जब तू मेरी बाहो में सर रखकर अपनी बातें कहती हैं
मेरा दिन मेरी रातें सिमटकर वही रहती है
खुशियो का दामन वक़्त थाम लेता है
और हर पल में बस मोहब्बत बहती है
हम तो रोशन थे रातो में उजालो की तरह
लोग ढूढ़ने निकले ही नहीं ढूंढने वालो की तरह
जिस्म तो क्या हम तो रूह में भी उत्तर जाते
किसी ने हमें चाहा ही नहीं , चाहने वालो की तरह
हर महफ़िल भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा.
जहा डूबेगी कश्ती मेरी वो साहिल भी रोयेगा।
इतना प्यार बिखेर देंगे इस जमानें में कि
मुझे मारकर मेरा कातिल भी रोयेगा।
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