Thursday, March 5, 2015

dil se

जब तू मेरी बाहो में सर रखकर अपनी बातें कहती हैं

 मेरा दिन  मेरी रातें  सिमटकर  वही   रहती है 

खुशियो का दामन वक़्त  थाम लेता है

 और  हर पल  में बस मोहब्बत बहती है 





हम तो रोशन थे रातो में उजालो की तरह 
लोग ढूढ़ने निकले ही नहीं ढूंढने  वालो की  तरह 
जिस्म तो क्या हम तो रूह में भी उत्तर  जाते 
 किसी  ने हमें  चाहा ही नहीं , चाहने वालो की तरह 



हर महफ़िल भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा. 
जहा डूबेगी कश्ती मेरी वो साहिल   भी  रोयेगा। 
इतना प्यार बिखेर  देंगे इस  जमानें में कि
 मुझे मारकर मेरा कातिल भी रोयेगा।  


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